
कनाडा के टोरंटो शहर में आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा में उस वक़्त तनाव फैल गया जब कुछ शरारती तत्वों ने समारोह के दौरान अंडे फेंक दिए। घटना ने प्रवासी भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को झकझोर दिया!
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भारत ने जताई नाराज़गी, कार्रवाई की माँग
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस घटना को “घृणित और त्योहार की भावना के खिलाफ़” करार देते हुए कड़े शब्दों में कहा:
“ऐसी हरकतें एकता और सामाजिक सद्भाव के संदेश को धूमिल करती हैं।”
MEA ने यह मामला कनाडा की सरकार के सामने उठाया और दोषियों पर कार्रवाई की माँग की।
त्योहार पर टारगेटिंग? प्रवासी समुदाय चिंतित
जगन्नाथ रथ यात्रा, जो एक समावेशी और भक्ति भावना से भरपूर उत्सव होता है, वहां ऐसा कृत्य होना धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला माना जा रहा है।
प्रवासी भारतीय समुदाय ने इसे कनाडा में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता की कड़ी में एक और कड़ी बताया।
कनाडा की चुप्पी पर सवाल
कनाडा सरकार की ओर से अब तक कोई बड़ा बयान नहीं आया है, जिससे MEA की उम्मीदें कुछ ठंडी पड़ती नज़र आ रही हैं।
भारत ने कहा है कि कनाडा सरकार धार्मिक अधिकारों की रक्षा करे और दोषियों को सज़ा दिलाए।
अब सवाल ये कि – क्या ट्रूडो सरकार “फ्री स्पीच” की आड़ में “अंडा स्पीच” को भी जायज़ ठहराएगी?
आस्था पर हमला – लेकिन उम्मीद बची है
भारत की प्रतिक्रिया ने साफ़ कर दिया कि रथ यात्रा पर अंडे फेंकना सिर्फ एक शरारत नहीं, बल्कि एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है।
अब देखना ये है कि कनाडा इस मामले में “एग्ज़ैक्ट” ऐक्शन लेता है या डिप्लोमैटिक आमलेट बना देता है!
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